शरीर पर काटने और नाखून से खरोंचने के निशान,मेडिकल रिपोर्ट में लॉ स्टूडेंट से हैवानियत की हुई पुष्टि

कोलकाता के बालीगंज स्थित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना में पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

मेडिकल जांच कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल में की गई है। पुलिस के मुताबिक मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के साथ जबरदस्ती करने, शरीर पर काटने और नाखून से खरोंचने व मारपीट करने के निशान मिले हैं।

कब हुई वारदात?

फोरेंसिक जांच में धक्कामुक्की के भी सुबूत मिले हैं। लॉ कॉलेज के एक पूर्व छात्र जो तृणमूल कांग्रेस का कार्यकर्ता बताया जा रहा है, उसने गत 25 जून की रात दो वरिष्ठ छात्रों के साथ मिलकर संस्थान के सुरक्षाकर्मियों के कमरे में इस वारदात को अंजाम दिया था।

इस घटना में तीनों आरोपितों को गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपितों के नाम मनोजित मिश्रा, प्रमित मुखोपाध्याय व जेब अहमद है। इनमें मनोजित मुख्य आरोपित है तथा कॉलेज का पूर्व छात्र नेता है।

पेशे से वकील है आरोपी

वह वर्तमान में कॉलेज का अस्थायी कर्मी भी है। वह अलीपुर पुलिस एवं सत्र न्यायालय में आपराधिक मामलों का वकील है। प्रमित व जेब कॉलेज के तीसरे वर्ष के छात्र हैं। पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं तथा उसकी जांच की जाएगी।

कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जाएगी। पीड़िता ने बताया था कि रात साढ़े सात बजे से रात 10.50 बजे तक उस पर अत्याचार किया गया। मुख्य सरकारी अभियोजक सोरिन घोषाल ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि घटना को दुष्कर्म नहीं सामूहिक दुष्कर्म माना जाएगा।

क्या कहता है नियम?

क्योंकि अगर कोई व्यक्ति दुष्कर्म करता है और अन्य किसी भी तरीके से उसकी मदद करते हैं तो वे भी आरोपित माने जाएंगे। पीड़िता का न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष गोपनीय बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया भी चल रही है।