अंतरिक्ष से समुद्र में उतरे शुभांशु शुक्ला

अंतरिक्ष से वापसी के बाद शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्षयान समुद्र में उतरा, लेकिन 41 साल पहले अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा जब वापस लौटे थे तो उन्होंने समुद्र में नहीं जमीन पर लैंडिंग की थी।

राकेश शर्मा ने जमीन पर की थी लैंडिंग

अप्रैल 1984 में, अंतरिक्ष में जाने वाले राकेश शर्मा, सोवियत सैल्यूट 7 अंतरिक्ष स्टेशन के अपने मिशन के बाद सोयूज टी-10 कैप्सूल पर सवार होकर कजाखस्तान में जमीन पर उतरे थे। समुद्र में उतरना हर बार आसान और सुरक्षित नहीं होता, फिर भी अमेरिका के मिशन में अंतरिक्ष यात्री अक्सर समुद्र में उतरते रहे हैं, जबकि रूस और चीन जमीन पर लैंडिंग को प्राथमिकता देते हैं।

क्या है स्प्लैशडाउन के फायदे?

''स्प्लैशडाउन'' या पानी में उतरने का बड़ा फायदा यह है कि अंतरिक्षयान के मलबे को पहले ही समुद्र में गिरा दिया जाता है, जिससे जमीन पर मौजूद लोगों और संपत्ति को नुकसान पहुंचने का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है, वहीं जमीन पर उतरना अधिक सटीक होता है, लेकिन जमीन पर उतरते समय अक्सर अधिक जोरदार टक्कर का सामना करना पड़ता है।

राकेश शर्मा ने क्या कहा था?

जमीन पर उतरने से समुद्र में बचाव की जटिलताओं से बचा जा सकता है। 2024 में एक साक्षात्कार में राकेश शर्मा ने कहा था कि अंतरिक्ष से वापसी के समय मुझे लगा था कि मैं इसमें सफल नहीं हो पाऊंगा। तभी पैराशूट खुला और अंदर से बहुत अधिक आवाज आई। आखिकार मैनें सफल लैंडिंग की।

धरती पर सकुशल लौटे शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला आईएसएस पर भारत का पहले अनुसंधान मिशन को पूरा कर शुभांशु धरती पर लौट चुके हैं। शुभांशु अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन रहे। उन्होंने यहां सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण संबंधी कई प्रयोग किए।

लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट

शुभांशु शुक्ला की धरती पर सफल वापसी के ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए दिल्ली स्थित नेहरू तारामंडल में मंगलवार को स्काई थियेटर में खास लाइव स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया था। सुबह से ही छात्रों, वैज्ञानिकों, खगोल-प्रेमियों और आम नागरिकों की भीड़ उमड़ती रही। यहां आधे घंटे का लाइव प्रसारण किया गया। लोग दिल थामकर अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी देखते रहे।