अमेरिका में पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 70% की भारी गिरावट देखी गई है। ट्रम्प प्रशासन की अंतरराष्ट्रीय छात्रों से जुड़ी नीतियों की वजह से वीजा स्लॉट्स में रुकावट और वीजा रिजेक्शन में अचानक बढ़ोतरी से यह स्थिति बनी है।
हैदराबाद ओवरसीज कंसल्टेंट के संजीव राय ने NDTV को बताया- आमतौर पर इस समय तक छात्र अपने वीजा इंटरव्यू पूरे कर चुके होते हैं और अमेरिका जाने की तैयारी कर रहे होते हैं। इस साल हम रोज पोर्टल चेक कर रहे हैं कि कहीं स्लॉट खुल जाएं, लेकिन यह कई सालों में सबसे खराब स्थिति है।
अमेरिकी अधिकारियों ने वीजा स्लॉट्स को अलग-अलग स्टेज में जारी करने का वादा किया था, लेकिन हालात अभी तक क्लियर नहीं हैं, जिससे छात्रों में साल बर्बाद होने का डर बढ़ गया है।
वहीं, विंडो ओवरसीज एजुकेशन कंसल्टेंसी के अंकित जैन ने कहा कि स्लॉट्स बुक करने के बावजूद कई छात्रों को कन्फर्मेशन नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा- ऐसा लगता है कि अमेरिका अपने सिस्टम की टेस्टिंग कर रहा है।
दूसरे देशों में पढ़ाई का विकल्प तलाश रहे
इन सब दिक्कतों के चलते कई छात्र अब दूसरे देशों में पढ़ाई के विकल्प तलाश रहे हैं। 23 साल के एक छात्र ने कहा- मैं और इंतजार नहीं कर सकता। मुझे एक साल बर्बाद होने का डर है। अमेरिका का रास्ता बंद लग रहा है।
I20 फीवर कंसल्टेंसी के अरविंद मांडुवा ने चेतावनी दी कि अगर अगले कुछ दिनों में स्लॉट्स नहीं खुले, तो हजारों छात्रों के सपने टूट जाएंगे। हमें हर दिन छात्रों और उनके माता-पिता के फोन आ रहे हैं।
इसके अलावा, मार्च में आवेदन करने वाले छात्र, जिन्हें इंटरव्यू स्लॉट्स मिल चुके थे, अब हाई रिजेक्शन का सामना कर रहे हैं।
ओवरसीज एजुकेशन कंसल्टेंसी के अंकित जैन के मुताबिक, कई छात्र, जिन्हें आमतौर पर आसानी से वीजा मिल जाता था, अब रिजेक्ट हो रहे हैं। उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल भी क्लियर हैं। रिजेक्शन का ज्यादातर कारण सेक्शन 214B बताया जा रहा है।
अमेरिकी सरकार का सेक्शन 214(b) बना आफत
सेक्शन 214(b) अमेरिकी इमिग्रेशन कानून का एक प्रावधान है, जो तब लागू होता है जब आवेदक यह साबित नहीं कर पाता कि वह पढ़ाई के बाद अपने देश वापस लौटेगा।
डलास, टेक्सास की यूएस एडमिशन कंसल्टेंसी के रवि लोथुमल्ला ने कहा कि यह प्रोसेस नया नहीं है। नियम और जांच पहले से मौजूद थे, लेकिन अब इन्हें सख्ती से लागू किया जा रहा है।
हैदराबाद में अमेरिकी कॉन्सुलेट ने कहा है कि स्लॉट्स फिर से शुरू हो गए हैं और छात्रों को दूतावास की वेबसाइट पर अपॉइंटमेंट चेक करनी चाहिए।
एक प्रवक्ता ने कहा- हम यह तय करने के लिए पूरी तरह से जांच कर रहे हैं कि आवेदक अमेरिका या हमारे हितों को नुकसान न पहुंचाएं और वे वीजा की शर्तों के मुताबिक काम करें। हम छात्रों से जल्दी आवेदन करने और कुछ ज्यादा देर इंतजार करने को कह रहे हैं।
दो महीने पहले विदेश छात्रों के इंटरव्यू पर रोक लगी
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दो महीने पहले विदेशी छात्रों के नए वीजा इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी। उनके आदेश का मकसद देश की यूनिवर्सिटीज में यहूदी विरोध और वामपंथी विचारों को रोकना था।
रुबियो ने दुनियाभर में अमेरिकी दूतावासों को आदेश जारी कर कहा था- वे स्टूडेंट वीजा के लिए नए इंटरव्यू शेड्यूल न करें, क्योंकि ट्रम्प सरकार अमेरिका आने वाले छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच को और सख्त करने जा रही है।
उन्होंने आगे कहा था- तत्काल प्रभाव से कॉन्सुलर सेक्शन आगे के दिशा-निर्देश जारी होने तक स्टूडेंट या एक्सचेंज विजिटर (F, M और J) वीजा के लिए नए अपॉइंटमेंट की इजाजत नहीं दे।
हालांकि पहले से शेड्यूल किए गए इंटरव्यू हो सकते हैं, लेकिन लिस्ट में नए अपॉइंटमेंट नहीं जोड़े जाएं। यह रोक F, M और J वीजा कैटेगरी पर लागू होती है, जो ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स को कवर करती हैं।