मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान जोरों पर है। हर मतदाता अपने-अपने गणना प्रपत्र भरने के लिए आवश्यक कागजात जुटाने में लगे हैं। निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, घर पर रहने वाले मतदाताओं के साथ बिहार से बाहर रहने वाले मतदाताओं को पुनरीक्षण फॉर्म भरना पड़ेगा।
सभी को समय सीमा के अंदर 26 जुलाई तक मतदाता विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत गणना प्रपत्र भरना अनिवार्य है। समय सीमा के भीतर विशेष पुनरीक्षण नहीं कराने वाले मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। उन्हें फिर नए सिरे से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए प्रपत्र छह भरना होगा।
बीडीओ सह सहायक निर्वाचन पदाधिकारी परवेज आलम ने बताया कि प्रत्येक मतदाता को अपना विशेष गहन पुनरीक्षण कराना आवश्यक है। समय सीमा के अंदर प्रक्रिया के तहत पुनरीक्षण कराना आवश्यक है।
इधर, बूथ लेवल ऑफिसर ने बताया कि जो मतदाता राज्य में मौजूद हैं, उनके घर-घर जाकर बीएलओ फॉर्म भरवा रहें हैं। वहीं, जो लोग राज्य से बाहर कहीं भी रहते हो, वे ऑनलाइन ईसीआई एप या वेबसाइट से गणना प्रपत्र डाउनलोड कर 26 जुलाई 2025 तक फॉर्म भर सकते हैं।
हस्ताक्षर और दस्तावेज अपलोड करने के बाद ही उनका नाम मतदाता सूची में बना रहेगा। यदि यह फॉर्म नहीं भरा गया, तो संबंधित व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा और दोबारा जुड़वाने के लिए फॉर्म छह भरना होगा।
कहा कि 2003 की मतदाता सूची में जिनका नाम है, उन्हें कोई दस्तावेज नहीं देना है। सिर्फ गणना फॉर्म भरना पर्याप्त होगा। अगर माता-पिता का नाम 2003 की सूची में है, तो भी दस्तावेज नहीं लगेगा, बशर्ते परिवार से संबंध स्पष्ट हो।
अधिकारियों की माने तो इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिक मतदाता सूची में शामिल हों और कोई भी पात्र मतदाता मतदाता सूची से बाहर न हो। साथ ही कोई भी अपात्र मतदाता इसमें शामिल न हो। मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित मतदाताओं का नाम हटाना भी इसका उद्देश्य है ।
भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार अर्हता तिथि एक जुलाई 2025 के आधार पर मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान, 2025 में 26 जुलाई तक घर-घर सर्वेक्षण किया जाएगा तथा एक अगस्त को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन किया जाएगा।
दावा-आपत्ति दाखिल करने की अवधि एक अगस्त से एक सितंबर तक निर्धारित की गई है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 30 सितंबर को किया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची की एक प्रति सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएगी। यह ईसीआई और सीईओ की वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी।