भूस्खलन से पैदल मार्ग बन्द, केदारनाथ यात्रा रोकी

गौरीकुण्ड में पहाड़ी के दरकने से मलबा-पत्थर आने पर पैदल मार्ग पूरी तरह से बाधित‌ हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत मार्ग के खुलने तक यात्रियों की आवाजाही पूर्ण रूप से की गई है बन्द कर दी गई है।

गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव के पास भूस्खलन के कारण केदारनाथ से गौरीकुंड की ओर जाने वाले कुछ तीर्थयात्री फंस गए हैं। जिन्हें एनडीआरएफ द्वारा सुरक्षित निकाला जा रहा है।

देर रात्रि करीब 03:30 बजे गौरीकुण्ड के समीप श्री केदारनाथ धाम जाने वाले पैदल मार्ग पर पहाड़ी दरकने से पैदल मार्ग बाधित हो गया है। सम्बन्धित कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग के स्तर से मार्ग को खोले जाने की कार्यवाही चल रही है।

यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टिगत फिलहाल पैदल आवाजाही पूर्णतया बन्द की गई है। प्रशासन व‌ पुलिस ने यात्रियों से अपील है कि मौसम पूर्वानुमान के अनुरूप ही यात्रा करें।


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जम्मू-कश्मीर के सात जिलों में स्कूल बंद, बारिश और भूस्खलन से हाहाकार, अमरनाथ यात्रियों की भी बढ़ी मुश्किल

जम्मू संभाग में बुधवार सुबह तक जारी रही वर्षा कई जगह जिंदगी पर भारी पड़ गई। रियासी जिला के माहौर में एक शिव गुफा के पास हुए भूस्खलन की चपेट में आने से टेंट में सो रहे दो युवकों की मौत हो गई।

वहीं, रामबन जिला में पहाड़ से मलबा व पत्थर आ जाने से जम्मू-श्रीनगर हाईवे करीब दो घंटे बंद रहा। इस दौरान अन्य वाहनों के साथ जम्मू से श्री अमरनाथ यात्रा पर निकला श्रद्धालुओं का जत्था भी रुक गया। हाईवे से मलबा हटाने के बाद वाहनों को रवाना कर दिया गया।

वैष्णो देवी पर भूस्खलन

इस बीच, राजौरी में एक नाले के तेज बहाव में बच्चा फंस गया। तीन घंटे चले बचाव अभियान के दौरान सेना ने हेलीकॉप्टर की मदद से बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। कटड़ा में दो दिन पहले माता वैष्णो देवी के यात्रा मार्ग पर बाणगंगा क्षेत्र में हुए भूस्खलन के बाद रास्ता खोलने का काम जारी रहा।

श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्ग व नये ताराकोट मार्ग से भवन की ओर भेजा जा रहा है। कठुआ जिला में भी पहाड़ों पर भारी वर्षा से सेवा नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिसके चलते डैम के गेट खोल दिए गए।

चिनाब, तवी और सांबा में बसंतर नदी भी उफान पर हैं। बसंतर में फंसे दो लोगों को बाया गया। वहीं ऊधमपुर के मोंगरी में भूस्खलन होने से गांव में 10 घर खाली करवा लिए गए हैं।

वहीं माहौर के बडोरा में शिव गुफा में बुधवार को धार्मिक कार्यक्रम होना था। इसके लिए की जा रही तैयारी में जेसीबी आपरेटर रशपाल सिंह निवासी चसाना (रियासी) और रवि निवासी चिनैनी भी शामिल हुए थे। मंगलवार रात को अपना काम करने के बाद दोनों टेंट में सो गए। इसी बीच, पहाड़ी से भूस्खलन हुआ और दोनों युवकों की मौत हो गई।

रियासी में भूस्खलन की घटना दुखद है। दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उन शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।

सात जिलों में बंद रहे स्कूल

रामबन, राजौरी, पुंछ, रियासी, ऊधमपुर, सांबा व जम्मू में नदी-नालों के किनारे स्थित कई स्कूल बुधवार को बंद रहे। रामबन व राजौरी में कई स्कूल गुरुवार भी बंद रहें।



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सीएम योगी ने मानसरोवर मंदिर में किया रुद्राभिषेक, लोक मंगल की कामना की

सावन शिवरात्रि (बुधवार) को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंधियारी बाग स्थित प्राचीन मानसरोवर मंदिर में रुद्राभिषेक कर भगवान भोलेनाथ से प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।

प्राचीन मानसरोवर मंदिर में सीएम योगी ने देवाधिदेव महादेव को विल्व पत्र, कमल पुष्प, दुर्वा, अनेकानेक पूजन सामग्री अर्पित करने कर बाद जल, गोदुग्ध और गन्ने के रस से रुद्राभिषेक किया।

गोरखनाथ मंदिर के विद्वत पुरोहितगण ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक कराया। रुद्राभिषेक के बाद मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन व आरती कर अनुष्ठान को पूर्ण किया।

उन्होंने देवाधिदेव महादेव से प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की। इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे


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हरिद्वार में आस्था का सैलाब, अब तक चार करोड़ से ज्‍यादा कांवड़ यात्री गंगाजल लेकर लौटे

कांवड़ मेला अब अपने समापन के पड़ाव पर है। बुधवार जलाभिषेक के चलते मंगलवार को धर्मनगरी में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मुख्य मार्गों से लेकर गंगा तट तक कांवड़ यात्रियों का रैला नजर आया।

बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयकारों से गंगा घाट गुंजायमान रहे। कांवड़ यात्रा के 12 वें दिन 56 लाख श्रद्धालु गंगाजल लेकर लौटे। इनमें मिलाकर अब तक 4.12 करोड़ कांवड़ यात्री गंगाजल लेकर गंतव्य को लौट चुके हैं। जिस रफ्तार से बाइक सवार कांवड़ यात्री पहुंच रहे हैं उससे मेला समाप्ति तक कांवड़ यात्रियों का आंकड़ा पांच करोड़ के करीब पहुंचने का अनुमान है।

मुख्य मार्गों से लेकर गंगा तट तक रेला

मंगलवार को हरिद्वार-दिल्ली हाईवे के अलावा शहर के अंदरुनी मार्गों से भी डाक कांवड़ यात्री गंतव्यों को जाते दिखे। बीते वर्षों के मुकाबले इस बार बाइक कांवड़ यात्रियों की तादात ज्यादा रही। रोड़ी बेलवाला,अलकनंदा समेत सभी पार्किंग दो पहिया वाहनों से फुल रहे।

पार्किंग के इतर भी बड़ी तादात में दोपहयाि वाहन खड़े दिखे। वाहनों पर लगे पताका संदूरी आभा बिखेर रहे थे। 17 जुलाई को पंचक खत्म होने के बाद धर्मनगरी में शिवभक्तों का जो रेला उमड़ा वह अनवरत है। कांवड़ मेले के पहले सात दिनों में शिवभक्तों का आंकड़ा डेढ़ करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका था।

हालांकि इसके बाद डाक कांवड़ यात्रियों की आमद शुरू हुयी। महज तीन दिनों (18 से 20 जुलाई) में ही आंकड़ा 1.5 करोड़ के अधिक हो गया। प्रशासन को इस बार रेकार्ड पांच करोड़ से अधिक कांवड़ यात्रियों के पहुंचने का अनुमान है।


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अमरनाथ जाने वाले यात्रियों की बढ़ी मुश्किल, रामबन में भारी बारिश से हाईवे बंद

जम्मू-कश्मीर में सक्रिय मानसून सक्रिय होने से रामबन में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने बुधवार सुबह जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित कर दिया।

सेरी, कैनोपी टनल में बरसात के पानी के साथ बह कर आये मलबे व पत्थरों ने हाईवे को बाधित कर दिया। जिससे जम्मू श्रीनगर हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गया है। हाईवे बंद होने से अमरनाथ यात्रा भी प्रभावित हुई है।

पहलगाम से जम्मू लौट रहे श्रद्धालुओं का काफिला केला मोड़ टनल स्लाइड के कारण रोक दिया गया है, जबकि बालटाल मार्ग वाले श्रद्धालुओं का काफिला श्रीनगर से बनिहाल की बढ़ रहा है।

भारी बारिश से भूस्खलन जैसे हालात

बुधवार को भारी वर्षा के चलते सुबह 10.30 बजे के करीब रामबन जिला के कई संवेदनशील स्थलों पर भू-स्खलन की स्थिति बन गई, जिससे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए पूरी तरह से बंद करना पड़ा।

इस मार्ग पर लगातार बरसात के कारण सेरी के पास बहने वाले नाले से मिट्टी, बजरी व भारी मात्रा में मलबा बह कर हाईवे पर आ गया। इसके चलते हाईवे की एक ट्यूब पर कीचड़ और मलबा जमा हो गया, जिससे वह हिस्सा पूरी तरह से बंद हो गया।

कैनोपी टनल पर जमा हुई मिट्टी

इससे अलावा कैनोपी टनल के ऊपर की पहाड़ी से बरसाती पानी झरने की शक्ल में गिरने लगा। पानी के साथ भारी मात्रा में पत्थर और मिट्टी भी बह कर टनल के मुहाने पर जमा होने लगे।

कई वाहन भी कैनोपी टनल में फंस गए हैं। इसी तरह केला मोड़ स्थित टी-2 टनल के भीतर भी लगातार बरसात का पानी बह रहा है। यह नजारा कुछ ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे टनल के अंदर कोई छोटा नाला बह रहा हो।

साढ़े दस बजे बंद किया हाईवे

टीसीयू रामबन के मुताबिक, उक्त परिस्थितियों के चलते जम्मू श्रीनगर हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए सुबह 10.30 बजे से बंद हो गया है। दोनों तरफ रास्ते में बड़ी संख्या में वाहन फंसे है। यातायात बहाल करने के लिए मलबा हटाने का काम जारी है।

टीसीयू रामबन के मुताबिक हाईबे बाधित होने का असर अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ा है। पहलगाम से जम्मू की ओर लौट रहे श्रद्धालुओं का काफिला केला मोड़ टनल स्लाइड के चलते अस्थाई रूप से रोक दिया गया है, जबकि बालटाल मार्ग से यात्रा काफिला श्रीनगर से बनिहाल की ओर बढ़ रहा है।

टीसीयू के अनुसार जम्मू से कश्मीर की ओर जा रहे पहलगाम और बालटाल मार्ग वाले दोनों जत्थे हाईवे बंद होने से काफी समय पहले बनिहाल स्थित नवयुगा सुरंग पार कर जा चुके थे।



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यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग के होटलों-ढाबों पर QR कोड होना जरूरी, योगी सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से कोई रोक नहीं

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद खाने की दुकानों पर क्यूआर कोड लगाने को लेकर योगी सरकार द्वारा जारी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई है। मंगलवार को संबंधित मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग के सभी होटलों पर उनके लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व अन्य जरूरी कागजात लगाए जाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कांवड़ यात्रा मार्ग पर समेत अन्य सभी होटलों पर वैधानिक रूप से जरूरी उनके लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व अन्य कागजातों को प्रदर्शित किया जाए। 

न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि मंगलवार को कांवड़ यात्रा का अंतिम दिन होने के कारण होटल या ढाबा मालिक का नाम और क्यूआर कोड प्रदर्शित करने जैसे अन्य मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई। शीर्ष अदालत शिक्षाविद अपूर्वानंद झा और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 25 जून को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया कि कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य है, जिससे मालिकों के नाम और पहचान का पता चलता है, जिससे वही भेदभावपूर्ण प्रोफाइलिंग हो रही है, जिस पर पहले इस अदालत ने रोक लगा दी थी।

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार का निर्देश के अनुसार स्टॉल मालिकों को "कानूनी लाइसेंस आवश्यकताओं" के तहत धार्मिक और जातिगत पहचान प्रकट करने के लिए कहा गया है जो कि दुकान, ढाबा और रेस्टोरेंट मालिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

इस पर कोर्ट ने कहा, ‘हमें बताया गया है कि आज यात्रा का अंतिम दिन है। बहरहाल, निकट भविष्य में इसके समाप्त होने की संभावना है। इसलिए, इस समय हम केवल यह आदेश पारित कर सकते हैं कि सभी संबंधित होटल मालिक वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने के आदेश का पालन करें।’

गौरतलब है कि बीते साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व मध्य प्रदेश की सरकारों के उस निर्देशों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसमें कहा गया था कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों पर मालिकों, कर्मचारियों और अन्य विवरणों के नाम लिखे जाएं।



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कांवड़ मेले में उमड़ा सैलाब, पंचक खत्म होते ही हरिद्वार में शिव भक्तों की भारी भीड़

डाक कांवड़ आज से जोर पकड़ गई है। आने वाले चार दिन पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती से भरपूर रहेंगे। इन चार दिनों में तीन करोड़ से अधिक कांवड़ यात्रियों के हरिद्वार पहुंचने और रवाना होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

पुलिस के यातायात प्लान के मुताबिक आज से भारी वाहनों को जिले की सीमाओं से बाहर रोकने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि रात से कांवड़ यात्रियों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। इनमें अधिकांश डाक कांवड़ लेकर हरिद्वार पहुंचे हैं।

रूट डायवर्जन लागू कर दिया गया है। दिल्ली मेरठ की ओर से आने वाले डाक कांवड़ के वाहन मंगलौर से लक्सर होते हुए हरिद्वार पहुंच रहे हैं। जबकि हरियाणा पंजाब के कांवड़ यात्री भगवानपुर से इमलीखेड़ा बहादराबाद होकर हरिद्वार आ रहे हैं। सबसे बड़ी बैरागी कैंप पार्किंग में अधिकांश वाहन खड़े कराए जा रहे हैं।


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आज से सावन के साथ कांवड़ यात्रा की शुरुआत, दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में खास इंतजाम

सावन के पवित्र महीने की शुरुआत शुक्रवार यानी कि आज से हो चुकी है। देश भर के शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र महीने में भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यही कारण है कि सुबह से ही शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। इसी के साथ, आज से कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है, जो 9 अगस्त तक चलेगी। इस 28 दिन की यात्रा में हरिद्वार से करीब 4.5 करोड़ कांवड़ियों के आने की संभावना है।

गंगा घाटों पर उमड़ रही कांवड़ियों की भीड़

सावन के पहले दिन से ही हजारों शिव भक्त कंधे पर कांवड़ उठाए पवित्र गंगाजल लेकर निकल पड़े हैं। उनकी मंजिल शिव मंदिर है जहां जल चढ़ाकर यह साधना पूरी होगी। हरिद्वार में हर की पौड़ी से लेकर गंगा के अन्य घाटों तक कांवड़ियों की भीड़ उमड़ रही है। इस पवित्र यात्रा के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, और उत्तराखंड में विशेष इंतजाम किए गए हैं। कांवड़ रूट पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। पूरे रास्ते में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, और CCTV कैमरों से निगरानी की जा रही है। खाने-पीने की दुकानों की लगातार जांच हो रही है, और फूड एंड सेफ्टी विभाग सैंपल ले रहा है। कांवड़ मार्ग पर नॉन-वेज दुकानें बंद कर दी गई हैं ताकि यात्रा की पवित्रता बनी रहे।

कांवड़ रूट पर मीट की दुकानों पर सख्ती

गाजियाबाद में कांवड़ रूट पर मीट की दुकानें खुली देख स्थानीय बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, 'कांवड़ शुरू हो चुका है, सावन लग चुका है, पूर्णिमा है। कांवड़ मार्ग पर मीट-मुर्गे की दुकानों का लाइसेंस अब मान्य नहीं है। फील्ड में निकलिए और इन पर कार्रवाई करिए। वरना लोग कानून हाथ में लेंगे तो फिर कहेंगे कि क्या कर दिया।' विधायक ने पुलिस से चौकी इंचार्ज से जवाब मांगने और दुकानें बंद कराने का निर्देश दिया।

हिंदुओं की दुकानों पर लगे पोस्टर

उत्तर प्रदेश के मुरादनगर में कांवड़ रूट पर पड़ने वाली हिंदुओं की दुकानों पर पोस्टर लगाए गए हैं। गंगनगर और आसपास के इलाकों में हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ता तैनात हैं। उनका आरोप है कि कांवड़ लेने वाली महिलाओं के साथ दूसरे धर्म के लोग छेड़छाड़ करते हैं। हिंदू रक्षा दल के गौरव सिसोदिया ने कहा, 'हम कांवड़ियों की सुरक्षा और यात्रा की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए तैनात हैं।'

कांवड़ निर्माण को लेकर सामने आया विवाद

हरिद्वार में कांवड़ निर्माण को लेकर विवाद भी सामने आया है। कुछ संतों और महामंडलेश्वरों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर मांग की है कि मुसलमानों को हरिद्वार की सीमा के बाहर कांवड़ बनाने की अनुमति दी जाए। उनका कहना है कि हरिद्वार में मुसलमानों को कांवड़ बनाने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। स्वामी यतींद्रानंद गिरी, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर, ने इस मांग को जोरदार तरीके से उठाया। इसके जवाब में, हरिद्वार के ज्वालापुर इलाके की इंदिरा नगर कॉलोनी में कांवड़ बनाने वाले मुस्लिम कारीगरों का कहना है कि वे पीढ़ियों से यह काम करते आ रहे हैं। करीब 50 मुस्लिम परिवार अभी भी इस काम में लगे हैं। उत्तराखंड सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई रोक नहीं लगाई है।

पिछले साल 4 करोड़ कांवड़ियों ने की थी यात्रा

दिल्ली पुलिस ने कांवड़ियों से अपील की है कि वे निर्धारित रास्तों का ही उपयोग करें। एडिशनल कमिश्नर दिनेश कुमार गुप्ता ने कहा, 'हमने कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं। कृपया निर्धारित मार्गों का पालन करें।' बता दें कि सावन के महीने में 23 जुलाई को सावन की शिवरात्रि मनाई जाएगी। इसके बाद भी 9 अगस्त तक श्रद्धालु गंगाजल चढ़ाते रहेंगे। पिछले साल 4 करोड़ से अधिक कांवड़ियों ने इस यात्रा में हिस्सा लिया था, और इस साल यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। यही वजह है कि प्रशासन ने पहले से ज्यादा पुख्ता तैयारियां की हैं।


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सावन सोमवार के दिन कब और कैसे करें महादेव की पूजा

सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। इस माह के दौरान शिव मंदिरो में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। साथ ही महादेव की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त रोजाना विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और सोमवार का व्रत भी किया जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से विवाह में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है। साथ ही कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि सावन सोमवार का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि (Sawan Puja Time) के बारे।

सावन सोमवार 2025 शुभ मुहूर्त (Sawan Somvar 2025 Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर सावन का पहला सोमवार पड़ रहा है। इस तिथि की शुरुआत 14 जुलाई को देर रात 01 बजकर 02 मिनट पर होगी और समापन 14 जुलाई को देर रात 11 बजकर 59 मिनट पर  होगा। ऐसे में 14 जुलाई को सावन सोमवार का पहला व्रत किया जाएगा और इसी दिन  गजानन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 11 मिनट से 04 बजकर 52 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 20 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

सावन सोमवार पूजा विधि (Sawan Somwar Puja Vidhi)

सावन सोमवार के दिन शुरुआत महादेव के नाम से करें। इसके बाद स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें। मंदिर की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। भगवान शिव का अभिषेक करें और देसी घी का दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करें। भगवान शिव को गंध, पुष्प, धूप, बेलपत्र, अक्षत समेत आदि चीजें अर्पित करें। व्रत कथा का पाठ करें। शिव मंत्रों और शिव चालीसा का पाठ करें। फल और मिठाई का भोग लगाएं।

इन बातों का रखें ध्यान

सावन के महीने में तामसिक भोजन का भोजन का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

इसके अलावा काले रंग के कपड़े धारण न करें।

किसी से वाद-विवाद न करें

किसी के बारे में गलत न सोचें।

घर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।


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पुरी में बहुड़ा यात्रा शुरू-सुरक्षा में 10 हजार जवान तैनात

ओडिशा के पुरी में बहुड़ा यात्रा शुरू हो गई है। इस यात्रा में महाप्रभु जगन्नाथ का नंदीघोष रथ, बलभद्र का तालध्वज और देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ गुंडिचा मंदिर से जगन्नाथ जी के मुख्य मंदिर लौटते हैं।

रथ यात्रा की शुरुआत इस बार 27 जून को हुई थी और 28 जून को तीनों गुंडिचा मंदिर पहुंचे थे। यह जगन्नाथ मंदिर से करीब 3 किमी दूर गुंडिचा मंदिर स्थित है। यहां भगवान अपनी मौसी के यहां ठहरते हैं।

बहुड़ा यात्रा के लिए गुंडिचा मंदिर के बाहर, भक्तों की भारी भीड़ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगभग 10,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

श्री जगन्नाथ ट्रस्ट के मुताबिक पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे के बीच रथों की औपचारिक सफाई करेंगे। इसके बाद रथों पर घोड़े लगाए जाएंगे। रथ खींचने का काम शाम 4 बजे होगा।

रविवार सुबह 4 बजे गुंडिचा मंदिर में मची थी भगदड़

रविवार (29 जून) तड़के करीब 4 बजे गुंडिचा मंदिर में भगदड़ मच गई थी। इसमें 3 लोगों की मौत हुई थी, जबकि करीब 50 लोग घायल हो गए थे। यहां भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ जुट गई थी, इसी दौरान भगदड़ मची।

जगन्नाथ रथ बाद में पहुंचा, लोगों में दर्शन की होड़ लग गई

पुरी की रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को उनकी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर के सामने 9 दिन के लिए खड़ा कर दिया जाता है। यहां बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले पहुंच चुके थे। जगन्नाथ रथ बाद में पहुंचा, जिससे लोगों में उसके दर्शन करने की होड़ लग गई। इसी दौरान भगदड़ मची, जिसमें गिरने से कई लोग कुचल गए।

इस साल दो दिन निकली रथ यात्रा

रथ यात्रा की शुरुआत 27 जून को हो गई थी। रथ यात्रा मार्ग पर 10 लाख से ज्यादा भक्त रथों के दर्शन करने और उन्हें खींचने आए हुए थे। भक्तों की भारी भीड़ की वजह से पहले दिन रथ गुंडिचा मंदिर नहीं पहुंच पाए। अगले दिन यानी 28 जून को रथ यात्रा फिर शुरू हुई और दोपहर में करीब 1.15 बजे तीनों रथ गुंडिचा मंदिर पहुंच गए थे।






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