GST 2.0 की नई दरें लागू, फायदे और नुकसान पर एक नज़र

वस्तु एवं सेवा कर (GST) में आज से बड़ा बदलाव लागू हो गया है। जीएसटी की नई दरें लागू होने के साथ ही रोज़मर्रा की कई वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। ऐसे में आइए जानते हैं वे 10 अहम बातें, जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए।

जीवन बीमा पर राहत: नई जीएसटी दरों के बाद सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियाँ अब टैक्स से मुक्त हो गई हैं। इसका सीधा फायदा आम लोगों को होगा।

हेल्थ इंश्योरेंस में छूट: व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर भी अब जीएसटी नहीं देना होगा। इससे लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, जो आम जनता के लिए राहत की खबर है।

दवाओं पर आंशिक छूट: वित्त मंत्रालय ने बताया कि दवाओं को पूरी तरह जीएसटी मुक्त नहीं किया गया है। हालांकि, इन्हें 5% वाले स्लैब में डाल दिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि पूरी छूट देने पर निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ खो देते।

दूध पर कर व्यवस्था: डेयरी स्रोतों से मिलने वाले अल्ट्रा हाई टेम्परेचर (UHT) दूध पर अब पूरी छूट होगी। वहीं, सोया दूध जैसे सभी वनस्पति-आधारित दूध उत्पादों पर 5% जीएसटी लागू रहेगा।

कॉस्मेटिक्स पर असर: फेस पाउडर और शैंपू की कीमतें कम होंगी। मंत्रालय के अनुसार, दरों में यह कटौती बड़ी कंपनियों को लाभ देने के लिए नहीं, बल्कि टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने के लिए की गई है।

रेंट पर जीएसटी: यदि कोई वस्तु बिना ऑपरेटर के किराए पर ली जाती है, तो उस पर वही दर लागू होगी जो बिक्री पर लगती है। उदाहरण के लिए, यदि कार पर 18% जीएसटी है तो उसे किराए पर लेने पर भी 18% टैक्स लगेगा। यही नियम अन्य वस्तुओं पर भी लागू होगा।

आयात पर नई दरें: जीएसटी 2.0 के तहत संशोधित दरें आयात पर भी लागू होंगी। एकीकृत जीएसटी (IGST) 22 सितंबर से नई दरों पर लिया जाएगा। यह तब तक लागू रहेगा जब तक विशेष छूट अधिसूचित न हो।

परिवहन सेवाओं पर टैक्स: सड़क मार्ग से यात्री परिवहन पर बिना आईटीसी के 5% टैक्स लगता रहेगा। हवाई यात्रा में इकोनॉमी क्लास पर 5% और बिजनेस/प्रीमियम क्लास पर 18% जीएसटी लागू होगा।

स्थानीय डिलीवरी सेवाएं: नए नियमों के मुताबिक, यदि कोई अनरजिस्टर्ड सेवा प्रदाता ई-कॉमर्स ऑपरेटर के माध्यम से स्थानीय डिलीवरी सेवाएं देता है, तो जीएसटी की देयता सीधे ई-कॉमर्स ऑपरेटर पर होगी।


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टाटा ग्रुप का इकलौता शेयर चढ़ा बेतहाशा, खुलते ही 20% अपर सर्किट

टीआरएफ लिमिटेड के शेयर में जबरदस्त उछाल

टाटा ग्रुप की कंपनी टीआरएफ लिमिटेड के शेयरों में 17 सितंबर को 20% का अपर सर्किट लग गया। कंपनी का शेयर सुबह 327.30 रुपये पर खुला और सीधे उछलकर 392.75 रुपये पर पहुंच गया। टाटा ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में हाल के दिनों में यह शेयर सबसे ज्यादा तेजी दिखा रहा है।

52 हफ्तों का सफर

टीआरएफ के शेयर में 25 जुलाई के बाद यह सबसे बड़ी तेजी है। इस साल अप्रैल में यह शेयर 285 रुपये तक गिरा था, जो इसका 52-वीक लो रहा। वहीं, पिछले साल सितंबर में इसने 532 रुपये का उच्च स्तर छुआ था।

मल्टीबैगर रिटर्न देने वाला स्टॉक

टीआरएफ ने पिछले 5 सालों में निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। इस अवधि में निवेशकों का पैसा 3 गुना से ज्यादा हो गया। हालांकि, बीते एक साल में स्टॉक नेगेटिव रिटर्न दिया है।

कंपनी का बैकग्राउंड

1962 में स्थापित टीआरएफ लिमिटेड इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से जुड़ी परियोजनाओं की डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग और सुपरविजन सेवाएं प्रदान करती है। 1994 में कंपनी को Tata-Robins-Fraser Ltd के नाम से रीब्रांड किया गया था।

मार्केट कैप और हिस्सेदारी

टीआरएफ का मार्केट कैप 431 करोड़ रुपये है। इसमें टाटा स्टील लिमिटेड की 34.11% हिस्सेदारी है। कंपनी बल्क मैटेरियल हैंडलिंग उपकरणों और इंडस्ट्रियल स्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करती है। जमशेदपुर स्थित इसका विनिर्माण प्लांट डिजाइन और इंजीनियरिंग की सुविधाओं से लैस है।


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मदर डेयरी ने घटाए दाम: दूध ₹2, घी ₹30 और पनीर ₹10 सस्ता

मदर डेयरी ने अपने लोकप्रिय डेयरी उत्पादों की कीमतों में बड़ी कटौती (New GST Rates 2025) का ऐलान किया है। जीएसटी दरों में हालिया बदलाव का सीधा लाभ अब उपभोक्ताओं को मिल रहा है।

नई दरें आज से लागू हो गई हैं और ये कटौती टेट्रा पैक UHT दूध, पनीर, मक्खन, चीज़, घी समेत रोजमर्रा की ज़रूरी वस्तुओं और यहां तक कि मिल्कशेक पर भी लागू होगी। उत्पाद और पैक के साइज के हिसाब से दामों में 2 रुपये से लेकर 30 रुपये तक की कमी की गई है।

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15 सितंबर से बदल जाएंगे UPI ट्रांजैक्शन के नियम

पिछले महीने अगस्त की शुरुआत में UPI के नियमों में कई बदलाव हुए थे। वहीं, अब एक बार फिर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI के जरिए होने वाले बड़े डिजिटल पेमेंट को भी आसान बनाने जा रहा है। जी हां, इस बार ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाने का ऐलान किया गया है। ये नए नियम इसी महीने 15 सितंबर 2025 से लागू होंगे। यानी Gpay-PhonePe चलाने वाले इन्हें अभी जान लें।

ये नए बदलाव खासतौर पर पर्सन-टू-मर्चेंट यानी P2M ट्रांजैक्शन पर लागू होंगे। आसान शब्दों में कहें तो जैसे अगर आप इंश्योरेंस प्रीमियम भरते हैं, लोन ईएमआई भरते हैं या मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं। हालांकि, पर्सन-टू-पर्सन ट्रांजैक्शन यानी फैमिली या दोस्तों को पैसे भेजने की लिमिट पहले की तरह 1 लाख रुपये प्रतिदिन ही रहेगी। इसमें अभी किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। चलिए जानते हैं कि UPI लिमिट में क्या-क्या बदल रहा हैक्या-क्या बदल रहा है UPI लिमिट में?

कैपिटल मार्केट इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस: यहां अब आप जल्द ही 2 लाख की जगह 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और 24 घंटे में मैक्सिमम 10 लाख तक की ट्रांजैक्शन कर सकेंगे।

सरकारी ई-मार्केटप्लेस और टैक्स पेमेंट: इसकी लिमिट को भी 1 लाख से बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर दिया जाएगा।

ट्रैवल बुकिंग: अब 1 लाख की बजाय 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 10 लाख तक रहेगा।

क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट: एक बार में 5 लाख रुपये तक, लेकिन प्रतिदिन मैक्सिमम 6 लाख रुपये तक पेमेंट कर सकेंगे।

लोन और ईएमआई कलेक्शन: इसकी लिमिट को भी बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन से मैक्सिमम 10 लाख रुपये प्रतिदिन कर दिया जाएगा।

ज्वेलरी खरीदारी: नई लिमिट के बाद 1 लाख की जगह आप 2 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 6 लाख तक पेमेंट कर सकेंगे।

टर्म डिपॉजिट: नई लिमिट के बाद यहां भी आप 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर सकेंगे जो पहले 2 लाख था।

डिजिटल अकाउंट ओपनिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया है इसकी लिमिट अभी भी 2 लाख ही रहेगी। इसके अलावा बीबीपीएस के जरिए फॉरेन एक्सचेंज पेमेंट जल्द ही 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और डेली कैप 5 लाख तक हो जाएगी। NPCI का कहना है कि इन बदलावों से लोगों और कारोबारियों को काफी फायदा होगा। इससे बड़े डिजिटल पेमेंट करने में भी आसानी होगी। इन बदलावों से कैशलेस लेनदेन को और बढ़ावा मिलेगा।


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अब IPL देखने के लिए ज्यादा पैसे होंगे देने

अब क्रिकेट फैंस को स्टेडियम में आईपीएल मैच देखने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे, क्योंकि सरकार ने जीएसटी की दर 28% से बढ़ाकर 40% कर दी है। GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी।

नई टैक्स व्यवस्था ने आईपीएल देखना एक लग्जरी एक्टिविटी माना है और इसे तंबाकू उत्पादों और कसीनो जैसी सर्विसेज की ही कैटेगरी में रखा है। हालांकि, आम क्रिकेट मैचों पर अभी भी 18% जीएसटी ही लागू रहेगा। यानी ये बदलाव सिर्फ प्रीमियम स्पोर्ट्स इवेंट्स के लिए है।

दूसरी ओर, 100 रुपए तक की सिनेमा टिकटों पर सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा, जो पहले 12% था। लेकिन 100 रुपए से ज्यादा की टिकटों पहले की तरह 18% जीएसटी लगेगा। वहीं, होटल बुकिंग, सौंदर्य और सेहत से जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी को घटाकर 5% कर दिया गया है।

1. GST में बदलाव से कैसे बदलेंगे IPL टिकट के दाम?

मान लीजिए की आईपीएल की टिकट की कीमत 1000 रुपए हैं…

पहले: 1000 + (28% यानी 280 रुपए) = 1280 रुपए।

अब: 1000 + (40% यानी 400 रुपए) = 1400 रुपए।

बढ़ोतरी: 1400-1280 = 120 रुपए प्रति टिकट।

इसी तरह अगर IPL के टिकट की कीमत 2000 रुपए है तो…

पहले: 2000 + (28% यानी 560 रुपए) = 2560 रुपए।

अब: 2000 + (40% यानी 800 रुपए) = 2800 रुपए।

बढ़ोतरी: 2800-2560 = 240 रुपए प्रति टिकट।

2. GST में बदलाव से कैसे बदलेंगे सिनेमा टिकट के दाम?

100 रुपए तक की टिकटों के दाम घटेंगे। वहीं 100 रुपए से ज्यादा की टिकटों में बदलाव नहीं हुआ है। मान लीजिए अगर एक टिकट की बेस कीमत 80 रुपए है:

पहले: 80 + (12% यानी 9.60 रुपए) = 89.60 रुपए।

अब: 80 + (5% यानी 4 रुपए) = 84 रुपए।

बचत: 89.60 - 84 = 5.60 रुपए प्रति टिकट।

3. GST में बदलाव से कैसे बदलेगा होटल में रुकने का किराया?

पहले: 12% टैक्स

अब: 5% टैक्स

कंडीशन: ये तभी लागू होगा जब एक दिन का किराया 7500 रुपए या उससे कम हो।

फायदा: सस्ते होटल और रिसॉर्ट अब और सस्ते हो जाएंगे। जैसे, 5000 रुपए का कमरा पहले 5600 रुपए पड़ता था, अब 5250 रुपए में मिलेगा।

4. GST में बदलाव से कितनी सस्ती होंगी जिम, सैलून जैसी सेवाएं?

पहले: 18% टैक्स

अब: 5% टैक्स

क्या शामिल है: जिम, नाई की दुकान, सैलून, योग सेंटर आदि।

फायदा: अब जिम और सैलून सस्ते हो जाएंगे। जैसे, 1000 रुपए की जिम फीस पर पहले 180 रुपए टैक्स लगता था, अब सिर्फ 50 रुपए। जिम में भी ऐसा ही होगा।

5. GST में बदलाव से कितनी सस्ती होंगी बीमा सेवाएं?

क्या छूट मिली: जीवन बीमा (टर्म, ULIP) और हेल्थ इंश्योरेंस (घरेलू और सीनियर सिटीजन) पर अब टैक्स नहीं।

फायदा: बीमा प्रीमियम सस्ता होगा। 10,000 रुपए की पॉलिसी पर 1800 रुपए बचेंगे, जिससे बीमा के दायरे को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

6. GST में बदलाव से कैसे बदलेंगी निर्माण और डिलीवरी सेवाएं?

किफायती घर: 12% से 5% (PMAY जैसे प्रोजेक्ट्स)।

स्थानीय डिलीवरी: 18% से 5% (किराना डिलीवरी)।

फायदा: सस्ते घर और ऑनलाइन ऑर्डर सस्ते होंगे।

अब जानिए गुड्स में क्या सस्ता क्या महंगा होगा?

GST के 4 की जगह दो स्लैब 5% और 18% होने से आम जरूरत की चीजें जैसे साबुन, शैंपू के साथ AC, कार भी सस्ते होंगे। यहां ग्राफिक्स में देखें क्या सस्ता और क्या महंगा होगा

नए स्लैब 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे

वित्त मंत्री ने बताया कि नए स्लैब नवरात्रि के पहले दिन, यानी 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे। हालांकि, तंबाकू वाले सामान पर नई 40% GST दर अभी लागू नहीं होगी।

इन बदलावों का मकसद आम आदमी को राहत देना, छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करना और हानिकारक उत्पादों जैसे तंबाकू पर टैक्स बढ़ाकर उनके उपयोग को कम करना है।


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रोटी, पराठा, दूध, हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस पर अब से टैक्स फ्री

अब GST के 4 की जगह केवल दो स्लैब 5% और 18% होंगे। इससे आम जरूरत की चीजें जैसे साबुन, शैंपू के साथ AC, कार भी सस्ते होंगे। GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी।

वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि दूध, रोटी, पराठा, छेना समेत कई फूड आइटम GST फ्री होंगे। वहीं इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी टैक्स नहीं लगेगा। 33 जीवन रक्षक दवाएं, दुर्लभ बीमारियों और गंभीर बीमारियों के लिए दवाएं भी टैक्स फ्री होंगी।

लग्जरी आइटम्स और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर अब 28% की जगह 40% GST लगेगा। मध्यम और बड़ी कारें, 350cc से ज्यादा इंजन वाली मोटरसाइकिलें इस स्लैब में आएंगे।

नए स्लैब 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे

वित्त मंत्री ने बताया कि नए स्लैब नवरात्रि के पहले दिन, यानी 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे। हालांकि, तंबाकू वाले सामान पर नई 40% GST दर अभी लागू नहीं होगी।

इन बदलावों का मकसद आम आदमी को राहत देना, छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करना और हानिकारक उत्पादों जैसे तंबाकू पर टैक्स बढ़ाकर उनके उपयोग को कम करना है।होटल कमरों की बुकिंग सस्ती, IPL टिकट महंगे होंगे

होटल के कमरों की बुकिंग पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, वो भी तब जब कमरे का किराया प्रति दिन 7500 रुपए या उससे कम हो।

सौंदर्य और सेहत से जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी 18% से कम करके 5% कर दिया गया है, जैसे जिम, सैलून, नाई की दुकान, योग सेंटर आदि, जो आम आदमी इस्तेमाल करता है।

कैसिनो, रेस क्लब, या जहां कैसिनो और रेस क्लब हों, या फिर खेल इवेंट्स जैसे आईपीएल में एंट्री के लिए जीएसटी 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है।

ये बदलाव नागरिकों की जिंदगी बेहतर बनाएंगे: PM

PM मोदी ने X पर लिखा, 'मुझे खुशी है कि GST काउंसिल ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें GST दरों में कटौती और कई सुधार शामिल हैं।

इससे आम जनता, किसान, MSME, मध्यम वर्ग, महिलाएं और युवा सभी को फायदा होगा। ये बड़े बदलाव हमारे नागरिकों की जिंदगी बेहतर बनाएंगे और कारोबार करना आसान करेंगे। खासकर छोटे व्यापारियों और व्यवसायों को मदद मिलेगी।'

अब सवाल-जवाब में GST में हुए बदलावों के बारे में जानिए...

सवाल 1: GST की दरों में क्या बड़ा बदलाव हुआ है?

जवाब: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अब GST के 5%, 12%, 18% और 28% के स्लैब को घटाकर दो कर दिया गया है। अब सिर्फ 5% और 18% का स्लैब होगा।

इसके अलावा, तंबाकू, पान मसाला, कार्बोनेटेड ड्रिंक और लग्जरी सामान जैसे बड़ी कारों, याट व्यक्तिगत उपयोग के लिए विमान पर 40% की विशेष टैक्स दर होगी।

कुछ सामान जैसे UHT दूध, छेना, पनीर, रोटी, चपाती, पराठा पर GST पूरी तरह हटाकर 0% कर दिया गया है। तंबाकू को छोड़कर नई दरें 22 सिंतबर से लागू हो जाएंगी।

सवाल 2: GST दरों में बदलाव का मकसद क्या है?

जवाब: वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जीएसटी 2.0 का मकसद टैक्स ढांचे को सरल बनाना, आम लोगों पर टैक्स का बोझ कम करना, और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करना है।

इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर तब होता है जब कच्चे माल पर जीएसटी की दर तैयार उत्पाद से ज्यादा होती है। इससे उत्पादन महंगा हो जाता है, क्योंकि निर्माता को कच्चे माल पर ज्यादा टैक्स देना पड़ता है, लेकिन तैयार माल पर कम टैक्स मिलता है।

सवाल 3: इन बदलावों से आम आदमी को क्या फायदा होगा?

जवाब: ये बदलाव आपकी जेब पर बोझ कम करेंगे। रोज के सामान, खाना की चीजें और छोटी गाड़ियां सस्ती हो जाएंगी। व्यक्तिगत, परिवार, और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा पर 18% टैक्स हट गया है। इससे बीमा लेना सस्ता होगा और ज़्यादा लोग इसे ले सकेंगे।

सीमेंट पर टैक्स 28% से 18% हुआ, तो घर बनाने या मरम्मत का खर्च थोड़ा कम होगा।

टीवी, एयर कंडीशनर जैसे सामान भी 28% से 18% टैक्स में आएंगे, यानी ये भी सस्ते होंगे।

33 जरूरी दवाइयां, खासकर कैंसर और गंभीर बीमारियों की दवाएं अब टैक्स-फ्री होंगी।

छोटी कारें और 350cc तक की मोटरसाइकिलें अब 28% की जगह 18% टैक्स में आएंगी।

ऑटो पार्ट्स और थ्री-व्हीलर पर भी टैक्स 28% से 18% हुआ, जिससे ये सस्ते होंगे।

उदाहरण: हेयर ऑयल

पहले: मान लो एक हेयर ऑयल की बोतल की कीमत 100 रुपए थी और उस पर 18% GST लगता था तो कैलकुलेशन कुछ इस तरह होगा...

जीएसटी = 100 × 18% = 18 रुपए

कुल कीमत = 100 + 18 = 118 रुपए

अब: नई दर 5% है।

जीएसटी = 100 × 5% = 5 रुपए

कुल कीमत = 100 + 5 = 105 रुपए

फायदा: पहले 118 रुपए में मिलने वाली बोतल अब 105 रुपए में मिलेगी।

सवाल 4: इन बदलावों से किसानों और उद्योगों को क्या फायदा होगा?

जवाब: किसानों के लिए ट्रैक्टर, खेती-बागवानी की मशीनें, हार्वेस्टिंग मशीनें और कम्पोस्टिंग मशीनों पर GST 12% से घटकर 5% हुआ है। 12 जैव कीटनाशकों पर भी टैक्स 12% से 5% हुआ है, जिससे खेती सस्ती होगी। वहीं उद्योगों के लिए:

टेक्सटाइल: मानव निर्मित फाइबर (18% से 5%) और यार्न (12% से 5%) पर टैक्स कम होने से कपड़ा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

उर्वरक: सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, और अमोनिया पर GST 18% से 5% हुआ, जिससे उर्वरक सस्ते होंगे।

नवीकरणीय ऊर्जा: बायोगैस प्लांट, पवन-चक्की, सौर कुकर, और सौर वॉटर हीटर पर GST 12% से 5% हुआ।

हस्तशिल्प: मार्बल, ग्रेनाइट ब्लॉक, और चमड़े के सामान पर टैक्स 12% से 5% हुआ, जिससे श्रम आधारित उद्योगों को फायदा होगा।

ऑटोमोटिव: छोटी कारें, मोटरसाइकिल (350cc तक), बसें, ट्रक, और ऑटो पार्ट्स पर GST 28% से 18% हुआ, जिससे ये सस्ते होंगे।

सवाल 5: GST की दरें कम करने से सरकार को नुकसान नहीं होगा?

जवाब: वित्त मंत्री ने माना कि रोजमर्रा के सामान पर टैक्स कम करने से शुरुआत में राजस्व पर असर पड़ सकता है। SBI रिसर्च के मुताबिक सालाना 85,000 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हो सकता है।

लेकिन सीतारमण का कहना है कि खपत बढ़ने से लंबे समय में इसकी भरपाई हो जाएगी। साथ ही, टैक्स चोरी रोकने और अनुपालन बढ़ाने से राजस्व में इजाफा होगा। 40% स्लैब पर लग्जरी और सिन गुड्स से भी अच्छी आय की उम्मीद है।

सवाल 6: तंबाकू उत्पादों पर टैक्स की नई दर अभी क्यों लागू नहीं होगी?

जवाब: अभी तंबाकू उत्पाद जैसे पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, और बीड़ी पर 28% GST के साथ कंपन्सेशन सेस लगता है, जो उत्पाद के हिसाब से 5% से 290% तक हो सकता है। उदाहरण के लिए, गुटखा पर 204% और असंसाधित तंबाकू पर 71% उपकर है।

नई 40% GST दर इन पर तब लागू होगी, जब उपकर का सारा कर्ज चुक जाएगा। इसकी तारीख वित्त मंत्री और GST परिषद तय करेंगे।

GST काउंसिल के मंत्रियों के समूह से मिल चुकी मंजूरी

पिछले हफ्ते ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने केंद्र सरकार के दो स्लैब वाले प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 21 अगस्त को बताया था कि ग्रुप ने मौजूदा 12% और 28% की दरों को हटाकर 5% और 18% के स्ट्रक्चर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

PM ने स्वतंत्रता दिवस पर GST रिफॉर्म्स का ऐलान किया था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से कहा था कि इस साल दिवाली में बड़ा तोहफा मिलने वाला है। हम नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स लेकर आ रहे हैं। सामान्य लोगों के लिए टैक्स कम कर देंगे, रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएंगी, लोगों को बहुत फायदा होगा।

2017 में लागू हुआ था GST

सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को हटा दिया गया था। GST के 7 साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने पिछले सात वर्षों के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों को लेकर पोस्ट किया।

GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स जैसे VAT, सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब थे।

GST को चार हिस्सों में डिवाइड किया गया है:

CGST (केंद्रीय GST): केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है।

SGST (राज्य GST): राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है।

IGST (एकीकृत GST): अंतरराज्यीय लेनदेन और आयात पर लागू, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित।

उपकर: स्पेसिफिक पर्पज के लिए फंड जुटाने के लिए स्पेसिफिक गुड्स (जैसे, लग्जरी आइटम्स, तंबाकू) पर लगाया जाने वाला अतिरिक्त शुल्क।


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ट्रंप टैरिफ के जवाब में मंत्री पीयूष गोयल का बड़ा एलान, सभी एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए आने वाला है पैकेज

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ (Trump Tariffs on India) लगाए जाने के बावजूद भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि टैरिफ के बावजूद इस साल भारत का निर्यात पिछले साल से ज्यादा रहेगा। निर्यात बढ़ाने के मकसद से सरकार जल्दी ही सभी सेक्टर के लिए उपायों की घोषणा करेगी।

गोयल का बयान ट्रंप टैरिफ पर भारत की तरफ से अब तक का सबसे करारा जवाब कहा जा सकता है। दिल्ली में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “अगर कोई देश हमारे साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) करना चाहता है, तो हम हमेशा तैयार हैं। लेकिन किसी भी तरह का भेदभाव भारत के 140 करोड़ नागरिकों के आत्मविश्वास और स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला है। इसलिए हम न तो झुकेंगे और न ही कभी कमजोर दिखेंगे। हम साथ मिलकर आगे बढ़ते रहेंगे और नए बाजारों पर कब्जा करेंगे। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस साल हमारा निर्यात पिछले साल से ज्यादा होगा।”

गोयल ने कहा, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि सरकार हर सेक्टर की मदद के लिए उपायों की घोषणा करेगी, ताकि घरेलू बाजार में बिक्री बढ़ने के साथ विदेशी बाजारों में भी भारत की पैठ बढ़ाई जा सके। यह साल हमारे आत्मविश्वास को परिभाषित करेगा।

एक लाख करोड़ डॉलर के निर्यात का है लक्ष्य

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष भारत ने रिकॉर्ड 824.9 अरब डॉलर का निर्यात किया। यह 2023-24 में 778.1 अरब डॉलर की तुलना में 6 प्रतिशत की वृद्धि थी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है।

जुलाई 2025 में भारत ने 68.25 अरब डॉलर का निर्यात किया जो पिछले वर्ष के इसी महीने के 65.31 अरब डॉलर से अधिक है। अप्रैल-जुलाई 2025 के दौरान वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात 277.63 अरब डॉलर का रहा है, जो अप्रैल-जुलाई 2024 में 263.83 अरब डॉलर था। साल के पहले चार महीने में वस्तु निर्यात 144.76 अरब डॉलर की तुलना में 149.20 अरब डॉलर रहा है।

निराशावादी तस्वीर पेश करने वालों की आलोचना

गोयल ने कहा कि वैश्विक निर्यात में अभी भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। उन्होंने उन विश्लेषकों की आलोचना भी की जिन्होंने अमेरिकी टैरिफ की निराशावादी तस्वीर और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके नकारात्मक प्रभाव की बात कही। कोविड-19 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और 1990 के दशक में अमेरिकी प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए गोयल ने कहा, विश्लेषकों को यह समझना चाहिए कि भारत आयात पर निर्भर अर्थव्यवस्था है, इसलिए अमेरिका को कम निर्यात का भारत पर बहुत कम प्रभाव पड़ेगा।



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लखनऊ पहुंचने पर शुभांशु शुक्ला ने स्पेस को लेकर बताई बड़ी बातें

देश के नए सितारे एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि भारत और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पहले से ही मिशन गगनयान और अंतरिक्ष स्टेशन के प्लान बना चुका है। बस हमें उन्हें क्रियान्वित करना है। यह मिशन अंतरिक्ष का स्वर्णिम काल है, जिसमें आप कई सारे सफल प्लान देखेंगे, जब भारत की धरती से कोई भारतीय अंतरिक्ष केंद्र जाएगा।

गोमतीनगर विस्तार में पत्रकारों से बातचीत में शुभांशु ने कहा कि मिशन अंतरिक्ष बहुत चुनौतीपूर्ण है। हमने ऐसी स्थिति बनाई है कि हम वहां जा कर रह सकते हैं। मिशन के सारे पहलू पूरे कर पाएं, इसके लिए पूरी टीम लगी थी। 

अंतरिक्ष यात्रा का बहुत यूनिक अनुभव था। इसकी कल्पना करना मुश्किल है। मेरी जो यात्रा रही है, उसमें मैंने एक ही चीज फालो किया है कि जीवन में जब कभी भी चुनौती आपके सामने हो तो उसे स्वीकार करिए और आगे बढ़िए। फिर आपको पता चल जाएगा कि आप सही कर रहे या गलत। 

अंतरिक्ष में ऐसा क्या-क्या सीखा, जो भारत के मिशन गगनयान में काम आएगा? इस पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि मैंने अंतरिक्ष में कई प्रयोग किए। सभी प्रयोग सफल रहे। ये सभी भारत के 'गगनयान मिशन' के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। 

माइक्रोग्रैविटी में शरीर पर पड़ने वाले असर के बारे में उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी के कारण कोई भी काम करना ही नहीं, रहना भी मुश्किल होता है। वहां शुरुआत के कुछ दिन चुनौतीपूर्ण रहे। फिर सब सामान्य होने लगा। वहां से लौटने के बाद भी चुनौतियां थीं, लेकिन उन सभी से पार पाया। पहली बार अंतरिक्ष से भारत को देखना काफी अच्छा लगा। 

अपने परिवार व अपनी आस्था के बारे में कहा कि आस्था तो सभी में रहती है, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे अपनी टीम में भी आस्था थी। उन पर भरोसा था। इसी भरोसे से मैं अंतरिक्ष तक जा पाया। 

अगर आपको धरती या अंतरिक्ष दोनों से कोई एक चुनना हो तो क्या चुनेंगे? इस पर शुभांशु ने सीधे उत्तर देने की बजाए कहा कि अंतरिक्ष बहुत चुनौतीपूर्ण मिशन है। यह ऐसा मिशन है जिसमें हम धरती को बेहतर बनाने के लिए अंतरिक्ष में जाते हैं। पहली बार भारतीय वैज्ञानिक को अंतरिक्ष में शोध का अवसर मिला। मैं गर्व से कहता हूं कि हमने 100 प्रतिशत प्रयोग किए।


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22 सितंबर से GST टैक्स स्लैब लागू करने की तैयारी

देश में टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के लिए सरकार 22 सितंबर से नया GST टैक्स स्लैब लागू ( GST rate overhaul) करने की तैयारी में है। यह तारीख नवरात्रि (22 सितंबर से 2 अक्टूबर) के साथ मेल खाती है, जिससे त्योहारी खरीदारी (festive shopping relief) में ग्राहकों को राहत मिलने की उम्मीद है।

नए स्लैब से आवश्यक वस्तुओं पर कर कम हो सकता है, जिसका फायदा आम जनता को होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और छोटे व्यवसायों को भी लाभ होगा। सरकार जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकती है।

क्या बदलने वाला है ?

अभी GST में चार स्लैब हैं- 5%, 12%, 18% और 28%। नए प्रस्ताव के तहत इसे घटाकर दो स्लैब (two-slab GST structure) 5% और 18% कर दिया जाएगा। 5% स्लैब में मेरिट गुड्स यानी ज़रूरी सामान आएंगे। 

18% स्लैब में मानक वस्तुएं और सेवाएं (Statndard goods and services) होंगी। इसके अलावा, अल्ट्रा-लक्ज़री कारें और पाप-संबंधी प्रोडक्ट्स (sin goods) पर 40% तक का स्पेशल टैक्स लगेगा।

कब होगा फैसला ?

दिल्ली में 3-4 सितंबर को GST काउंसिल (GST Council Meeting) की मीटिंग होनी है, जिसमें केंद्र और देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। इस मीटिंग में नई दरों को लेकर अंतिम चर्चा होगी। फैसले के 5-7 दिन बाद नोटिफिकेशन जारी होंगे और 22 सितंबर तक लागू हो सकते हैं।

क्या है मकसद ?

सरकार का कहना है कि यह सुधार टैक्स स्ट्रक्चर (GST Reforms) को आसान बनाएगा। मध्यवर्ग और MSMEs को राहत देगा और त्योहारों में डिमांड बढ़ाने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को इसे "GST 2.0 नेक्स्ट जेनरेशन टैक्स रिफॉर्म" कहा था। उन्होंने दावा किया कि इससे किसानों, मध्यम वर्ग और छोटे कारोबारियों को फायदा मिलेगा।

आपका क्या फायदा?

अगर नया ढांचा लागू होता है तो रोजमर्रा की चीज़ों और ज़रूरी सेवाओं पर टैक्स घट सकता है। वहीं, गैर-ज़रूरी और लक्ज़री आइटम्स महंगे हो सकते हैं। 22 सितंबर से GST 2.0 लागू होने पर मार्केट और आम उपभोक्ता दोनों पर असर दिखेगा।

त्योहारों में इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े और रोज़मर्रा के सामान पर राहत मिल सकती है, लेकिन लक्ज़री आइटम्स की कीमत और बढ़ जाएगी।


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इनकम टैक्स विभाग ने आईटीआर-6 फॉर्म को किया रिलीज

इनकम टैक्स विभाग ने आईटीआर-6 फॉर्म को रिलीज कर दिया है। आईटीआर फाइलिंग के तहत आपको उपलब्ध फॉर्म से किसी एक चुनाव करना होता है। इन्हीं फॉर्म में से आईटीआर-6 भी एक है। लेकिन आईटीआर-6 फॉर्म कौन इस्तेमाल कर सकता है, इसके क्या फायदे हैं, क्या आम आदमी द्वारा भी इसे उपयोग किया जा सकता है इत्यादि प्रश्न हमारे में मन में उठते हैं।

क्या होता है आईटीआर-6?

इनकम टैक्स के अन्य फॉर्म की तरह आईटीआर-6 भी काम करता है। कंपनीज एक्ट 2013 के तहत सभी कंपनियां आईटीआर-6 का उपयोग करती है। ऐसी कंपनियां जो सेक्शन 11 के तहत क्लेम करती है, वे इस फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकती।

इस फॉर्म को आम आदमी और HUF द्वारा भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। आईटीआर-6 फॉर्म का इस्तेमाल-

पब्लिक लिमिटेड कंपनियां

प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां

वन पर्सन कंपनियां

आइए अब जानते हैं कि आईटीआर फाइलिंग के लिए टैक्स कैलकुलेट कैसे कर सकते हैं-

कैसे करें इनकम टैक्स कैलकुलेट?

स्टेप 1- सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाना होगा।

स्टेप 2- इसके बाद यहां अपना पैन नंबर और नाम दर्ज करें।

स्टेप 3- फिर अपने आईटीआर टाइप डाले। इनमें इंडिविजुअल, फर्म,

कंपनी या HUF इत्यादि शामिल हैं।

स्टेप 4- इसके बाद रेजिडेंटल स्टेटस का चयन करना होगा।

स्टेप 5- फिर ओल्ड टैक्स रिजीम या नई टैक्स रिजीम में से किसी एक का चयन करना होगा।

स्टेप 5- इसके साथ ही फाइनेंशियल ईयर का भी चयन करें।

स्टेप 6- जिसके बाद आप किस ऐज कैटेगरी में आते हैं, उसका चुनाव करें।

इसमें रेगुलर सिटीजन, सीनियर सिटीजन और सुपर सीनियर सिटीजन शामिल हैं।

स्टेप 7- इसके बाद आपको कुल इनकम और कुल डिडक्शन अमाउंट को शामिल करना होगा।

स्टेप 8- जिसके बाद आपको दाई ओर टैक्स समरी दिखाई देगी। जिसमें आपको कुल इनकम, कुल डिडक्शन, नए टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्स दिखाई जाएगा।

स्टेप 9- इसके साथ ही अगर आप दोनों टैक्स रिजीम के बीच तुलना देखना चाहते हैं, तो

view Comparison वाले ऑप्शन पर क्लिक करें।

यहां आपको बेसिक कैलकुलेटर की डिटेल्स बताई गई है।



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