ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इंस्टाग्राम के जरिए बताया अंतरिक्ष का अनुभव

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष यात्रा पूरी करने के बाद अपने अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किए। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में रहना शरीर के लिए एक बिल्कुल नया अनुभव होता है, क्योंकि इंसान का शरीर हमेशा गुरुत्वाकर्षण वाले माहौल में जीता है। अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी यानी शून्य गुरुत्वाकर्षण की स्थिति में शरीर को ढलने के लिए कई बदलाव करने पड़ते हैं।

शुभांशु ने लिखा, हम गुरुत्वाकर्षण में बड़े होते हैं, शरीर को इसके अलावा कुछ पता नहीं होता। जब हम अंतरिक्ष में जाते हैं तो शरीर कई तरीकों से बदलता है।’ 

उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में रहते हुए शरीर के तरल पदार्थ कम हो जाते हैं। दिल की धड़कन धीमी हो जाती है क्योंकि उसे खून को सिर तक पहुंचाने के लिए गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ मेहनत नहीं करनी पड़ती। इतना ही नहीं, संतुलन बनाए रखने वाली प्रणाली यानी वेस्टिबुलर सेंस को भी नए वातावरण में खुद को ढालना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि शरीर जल्दी ही इन बदलावों को अपना लेता है और अंतरिक्ष यात्री सामान्य महसूस करने लगते हैं। लेकिन असली चुनौती तब आती है जब मिशन पूरा होने के बाद हम वापस धरती पर लौटते हैं। 

शुभांशु ने लिखा, जब हम पृथ्वी पर लौटते हैं, तो शरीर को फिर से गुरुत्वाकर्षण के हिसाब से ढलना पड़ता है। इस समय सीधा चलना भी चुनौती बन जाता है। रिएक्शन टाइम कम हो जाता है और संतुलन बिगड़ जाता है। हालांकि यह सब अस्थायी होता है और कुछ समय में शरीर सामान्य हो जाता है।’

उन्होंने यह भी कहा कि इन बदलावों को समझना बेहद जरूरी है ताकि लंबे समय तक चलने वाले अंतरिक्ष अभियानों के लिए वैज्ञानिक समाधान खोजे जा सकें। शुभांशु ने पोस्ट के अंत में लिखा, यह मैं स्प्लैशडाउन के तुरंत बाद हूं। ऐसा लग रहा है जैसे अंतरिक्ष से लौटकर फिर से चलना सीख रहा हूं। कहा, अंतरिक्ष यात्रियों को तकनीकी चुनौतियों के साथ-साथ शारीरिक बदलावों से भी गुजरना पड़ता है।





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अंतरिक्ष से समुद्र में उतरे शुभांशु शुक्ला

अंतरिक्ष से वापसी के बाद शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्षयान समुद्र में उतरा, लेकिन 41 साल पहले अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा जब वापस लौटे थे तो उन्होंने समुद्र में नहीं जमीन पर लैंडिंग की थी।

राकेश शर्मा ने जमीन पर की थी लैंडिंग

अप्रैल 1984 में, अंतरिक्ष में जाने वाले राकेश शर्मा, सोवियत सैल्यूट 7 अंतरिक्ष स्टेशन के अपने मिशन के बाद सोयूज टी-10 कैप्सूल पर सवार होकर कजाखस्तान में जमीन पर उतरे थे। समुद्र में उतरना हर बार आसान और सुरक्षित नहीं होता, फिर भी अमेरिका के मिशन में अंतरिक्ष यात्री अक्सर समुद्र में उतरते रहे हैं, जबकि रूस और चीन जमीन पर लैंडिंग को प्राथमिकता देते हैं।

क्या है स्प्लैशडाउन के फायदे?

''स्प्लैशडाउन'' या पानी में उतरने का बड़ा फायदा यह है कि अंतरिक्षयान के मलबे को पहले ही समुद्र में गिरा दिया जाता है, जिससे जमीन पर मौजूद लोगों और संपत्ति को नुकसान पहुंचने का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है, वहीं जमीन पर उतरना अधिक सटीक होता है, लेकिन जमीन पर उतरते समय अक्सर अधिक जोरदार टक्कर का सामना करना पड़ता है।

राकेश शर्मा ने क्या कहा था?

जमीन पर उतरने से समुद्र में बचाव की जटिलताओं से बचा जा सकता है। 2024 में एक साक्षात्कार में राकेश शर्मा ने कहा था कि अंतरिक्ष से वापसी के समय मुझे लगा था कि मैं इसमें सफल नहीं हो पाऊंगा। तभी पैराशूट खुला और अंदर से बहुत अधिक आवाज आई। आखिकार मैनें सफल लैंडिंग की।

धरती पर सकुशल लौटे शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला आईएसएस पर भारत का पहले अनुसंधान मिशन को पूरा कर शुभांशु धरती पर लौट चुके हैं। शुभांशु अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन रहे। उन्होंने यहां सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण संबंधी कई प्रयोग किए।

लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट

शुभांशु शुक्ला की धरती पर सफल वापसी के ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए दिल्ली स्थित नेहरू तारामंडल में मंगलवार को स्काई थियेटर में खास लाइव स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया था। सुबह से ही छात्रों, वैज्ञानिकों, खगोल-प्रेमियों और आम नागरिकों की भीड़ उमड़ती रही। यहां आधे घंटे का लाइव प्रसारण किया गया। लोग दिल थामकर अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी देखते रहे।


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20 दिन बाद अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटे शुभांशु

शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट 20 दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। करीब 23 घंटे के सफर के बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की आज यानी 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग हुई। इसे स्प्लैशडाउन कहते हैं। चारों एस्ट्रोनॉट एक दिन पहले शाम 4:45 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी के लिए रवाना हुए थे।

सभी एस्ट्रोनॉट 26 जून को भारतीय समय के अनुसार शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे थे। एक्सियम मिशन 4 के तहत 25 जून को दोपहर करीब 12 बजे ये रवाना हुए थे। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में इन्होंने कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी।

शुभांशु की वापसी पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का उनकी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा से पृथ्वी पर वापसी के लिए स्वागत करता हूं।

शुभांशु ने अपने समर्पण, साहस से अरबों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपनी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन - गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।

शाम 4:45 बजे ISS से पृथ्वी के लिए निकले थे शुभांशु

14 जुलाई को दोपहर करीब 02:15 बजे क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में पहुंचा।

शाम 4:45 बजे स्पेसक्राफ्ट ISS के हार्मनी मॉड्यूल से अनडॉक हुआ।

15 जुलाई को दोपहर करीब 3 बजे कैलिफोर्निया के तट पर स्प्लैशडाउन हुआ।

18 दिन स्पेस स्टेशन में शुभांशु ने क्या-क्या किया

60 वैज्ञानिक प्रयोग: शुभांशु ने मिशन के दौरान 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया। इनमें भारत के सात प्रयोग शामिल थे। उन्होंने मेथी और मूंग के बीजों को अंतरिक्ष में उगाया। स्पेस माइक्रोएल्गी' प्रयोग में भी हिस्सा लिया। अंतरिक्ष में हड्डियों की सेहत पर भी प्रयोग किए।

प्रधानमंत्री से बात: 28 जून 2025 को शुभांशु ने ISS से पीएम नरेंद्र मोदी के साथ लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से भारत बहुत भव्य दिखता है। पीएम ने पूछा कि आप गाजर का हलवा लेकर गए हैं। क्या साथियों को खिलाया। इस पर शुभांशु ने कहा- हां साथियों के साथ बैठकर खाया।

छात्रों से संवाद: 3, 4 और 8 जुलाई को उन्होंने तिरुवनंतपुरम, बेंगलुरु और लखनऊ के 500 से अधिक छात्रों के साथ हैम रेडियो के जरिए बातचीत की। इसका मकसद युवाओं में STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) के प्रति रुचि बढ़ाना था।

ISRO के साथ संवाद: 6 जुलाई को उन्होंने ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की, जिसमें उनके प्रयोगों और भारत के गगनयान मिशन के लिए उनके योगदान पर चर्चा हुई।

पृथ्वी की तस्वीरें: शुभांशु ने ISS के कपोला मॉड्यूल से पृथ्वी की शानदार तस्वीरें खींचीं, जो सात खिड़कियों वाला एक खास हिस्सा है।

41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया था। शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

शुभांशु का ये अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काम आएगा। ये भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य भारतीय गगनयात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और सुरक्षित रूप से वापस लाना है। इसके 2027 में लॉन्च होने की संभावना है। भारत में एस्ट्रोनॉट को गगनयात्री कहा जाता है। इसी तरह रूस में कॉस्मोनॉट और चीन में ताइकोनॉट कहते हैं।

एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं, जिसकी एक सीट के लिए भारत ने 548 करोड़ रुपए चुकाए हैं। यह एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है, जो अमेरिकी स्पेस कंपनी एक्सियम, NASA, इसरो और स्पेसएक्स की साझेदारी से हो रहा है।

एक्सियम स्पेस का यह चौथा मिशन है...

17 दिन का एक्सियम 1 मिशन अप्रैल 2022 में लॉन्च हुआ था।

08 दिन का एक्सियम का दूसरा मिशन 2 मई 2023 में लॉन्च हुआ था।

18 दिन का तीसरा मिशन 3 जनवरी 2024 में लॉन्च किया गया था।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है?

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है। इसमें एस्ट्रोनॉट रहते हैं और माइक्रो ग्रेविटी में एक्सपेरिमेंट करते हैं। यह 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैवल करता है। यह हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर लेता है। 5 स्पेस एजेंसीज ने मिलकर इसे बनाया है। स्टेशन का पहला पीस नवंबर 1998 में लॉन्च किया गया था।


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Tesla Model Y भारत में लॉन्च- सिर्फ 15 मिनट में होगी चार्ज, 622KM तक की रेंज, जानें हर वेरिएंट की कीमत

भारतीय बाजार में आज 15 जुलाई को Tesla एंट्री करने वाली है। आज के दिन ही कंपनी का पहला शोरूम भारत में खुलेगा। टेस्ला ने अपने शोरूम के खुलने से पहले की अपनी भारत की पहली इलेक्ट्रिक कार Tesla Model Y की कीमतों का खुलासा कर दिया है। आइए विस्तार में जानते हैं कि Tesla Model Y की कीमत कितनी है और यह किन खास फीचर्स के साथ आती है?

Tesla Model Y की कीमत

शहर    वेरिएंट    कीमत एक्स-शोरूम (रुपये में)    ऑन-रोड कीमत (रुपये में) 

दिल्ली    RWD    59.89 लाख    61.07 लाख

             LR- RWD    67.89 लाख    69.15 लाख

 मुंबई     RWD     59.89 लाख    61.07 लाख

             LR- RWD    67.89 लाख    69.15 लाख

गुरुग्राम   RWD     59.89 लाख    66.07 लाख

      LR- RWD    67.89 लाख    75.61 लाख

टेस्ला मॉडल Y को भारतीय बाजार में दो वेरिएंट में लॉन्च किया जाएगा, जो मॉडल Y रियर-व्हील ड्राइव (RWD) और मॉडल Y लॉन्ग रेंज रियर-व्हील ड्राइव (RWD) है। Model Y रियर-व्हील ड्राइव वेरिएंट की कीमत 60 लाख रुपये और Model Y लॉन्ग रेंज रियर-व्हील ड्राइव वेरिएंट की कीमत 68 लाख रुपये में भारतीय बाजार में बिक्री की जाएगी।

ग्लोबल बाजार में कीमत

भारत में मॉडल Y की कीमतें अन्य प्रमुख बाजारों की तुलना में काफी ज्यादा हैं।

अमेरिका में मॉडल Y की शुरुआती कीमत $44,990 है।

चीन में मॉडल Y कीमत 263,500 युआन है।

जर्मनी में मॉडल Y 45,970 यूरो से शुरू होती है।

Tesla Model Y की बैटरी और रेंज

Tesla Model Y को सिंगल कॉन्फिगरेशन ऑप्शन के साथ आने वाली है। Model Y RWD वेरिएंट की रेंज 500km तक मिलेगी, जबकि के मॉडल Y लॉन्ग रेंज रियर-व्हील ड्राइव की रेंज 622km तक मिलेगी। दोनों की ही टॉप स्पीड 201 किमी प्रति घंटा है। इसका RWD वेरिएंट 5.9 सेकेंड में 0 से 100 किमी की रफ्तार पकड़ लेता है, जबकि लॉन्ग रेंज रियर-व्हील ड्राइव वेरिएंट 5.9 सेकेंड में 0 से 100 किमी की स्पीड पकड़ सकता है।

डिजाइन और फीचर्स

Tesla Model Y के नए वर्जन में पिछले मॉडल की तुलना में कई डिजाइन अपडेट देखने के लिए मिले हैं। इसके फ्रंट में स्लीकर लाइट्स दी गई है, जो इलेक्ट्रिक कार को ज्यादा मॉडर्न लुक देती है। इसके अलावा, साइज में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। इसके पीछे की तरफ कनेक्टेड टेल लाइट्स दी गई है। इसे पर्ल व्हाइट, स्टील्थ ग्रे, डीप ब्लू मेटैलिक, अल्ट्रा रेड, क्विकसिल्वर और डायमंड ब्लैक जैसे पेंट कलर डिजाइन के साथ पेश किया जाता है।


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शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में किए 7 एक्सपेरिमेंट, 14 दिन के मिशन के बाद फिर बदला धरती पर वापसी का समय

Axiom-04 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) गए भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला जल्द ही धरती पर वापसी कर सकते हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने उनके लौटने की जानकारी दी है।

ISRO के अनुसार, शुभांशु 14 जुलाई को अंतरिक्ष से वापसी करेंगे और वो 15 जुलाई को पृथ्वी पर पहुंच जाएंगे। शुभांशु के साथ ISS में गए बाकी 3 अंतरिक्ष यात्री भी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से वापस आएंगे।

कैलिफोर्निया में होगी वापसी

ISRO ने सोशल मीडिया पर शुभांशु की वापसी की जानकारी देते हुए बताया कि, ISS से ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग के बाद सभी अंतरिक्ष यात्री अमेरिका के कैलिफोर्निया के पास मौजूद तट पर 15 जुलाई 2025 को दोपहर 3 बजे (भारतीय समयानुसार) पहुंचेंगे।

शुभांशु ने रचा इतिहास

बता दें कि शुभांशु शुक्ला 14 दिन के मिशन पर ISS के लिए रवाना हुए थे। वो ISS में जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। वहीं, भारतीय अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद वो अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं।

ISS में शुभांशु ने कई तरह के एक्सपेरिमेंट भी किए हैं। इसकी जानकारी देते हुए ISRO ने कहा-

गगनयात्री शुभांशु शुक्ला ने भारत के Axiom-04 मिशन के तहत 7 माइक्रोग्रैवटी एक्सपेरिमेंट किए हैं। इनमें से 4 एक्सपेरिमेंट सफल हो गए हैं और बाकी 3 एक्सपेरिमेंट भी कामयाबी के बेहद करीब हैं।

कल से शुरू होगी वापसी की तैयारी

रविवार यानी कल सभी अंतरिक्ष यात्री अपने एक्सपेरिमेंट के सैंपल पैक करना शुरू करेंगे। फ्लाइट सर्जन की देख-रेख में सभी धरती पर वापसी की तैयारी करेंगे। शुभांशु की वापसी का पूरा देश बेहद बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

कल से शुरू होगी वापसी की तैयारी

रविवार यानी कल सभी अंतरिक्ष यात्री अपने एक्सपेरिमेंट के सैंपल पैक करना शुरू करेंगे। फ्लाइट सर्जन की देख-रेख में सभी धरती पर वापसी की तैयारी करेंगे। शुभांशु की वापसी का पूरा देश बेहद बेसब्री से इंतजार कर रहा है।


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बंद होने जा रहा Microsoft का आइकॉनिक 'ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ', अब नजर आएगी ब्लैक स्क्रीन

Microsoft का Blue Screen of Death (BSOD) बंद होने वाला है और कंपनी ने अब इस बात की भी जानकारी दी है कि इस एरर मैसेज को कब हटाया जाएगा।। पहले कंपनी ने कहा था कि वो BSOD को रिप्लेस कर रही है, इसका सक्सेसर ब्लैक स्क्रीन है और इसमें फ्राउन टेक्स्ट इमोटिकॉन नहीं है। ये यूजर्स को क्रैश से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी देगा, जो IT एडमिनिस्ट्रेटर्स को क्रैश के बाद कंप्यूटर की समस्या जल्दी ढूंढने में मदद कर सकता है।

Windows 11 में Black Screen of Death अपडेट स्क्रीन जैसी होगी

Microsoft में एंटरप्राइज एंड OS सिक्योरिटी के VP, डेविड वेस्टन ने The Verge को इंटरव्यू में बताया कि Microsoft Windows 11 पर Blue Screen of Death को नई ब्लैक स्क्रीन से रिप्लेस किया जाएगा। रीडिजाइन इस गर्मी के बाद, क्विक मशीन रिकवरी (QMR) फीचर के साथ रोल आउट होगा। एग्जीक्यूटिव द्वारा शेयर किए गए टाइमलाइन के आधार पर, हम उम्मीद कर सकते हैं कि यूजर्स अगस्त या सितंबर से पहले नया BSOD डिजाइन देखेंगे।

जब अपडेटेड BSOD डिजाइन यूजर्स के लिए रोल आउट होगा, तो वे एक सिंपल डिजाइन देखेंगे, जिसमें बड़ा फ्राउन इमोटिकॉन नहीं होगा। Microsoft के जरिए से हमें नए Black Screen of Death का अच्छा अंदाजा है। इस साल की शुरुआत में, कंपनी ने BSOD को रिप्लेस करने के लिए ग्रीन कलर की एरर स्क्रीन रोल आउट की थी, जो Windows Insiders टेस्टर्स के लिए बीटा चैनल पर उपलब्ध थी।

नई ब्लैक स्क्रीन मार्च में कंपनी द्वारा शेयर की गई ग्रीन स्क्रीन जैसी ही दिखती है। ये Windows 11 अपडेट स्क्रीन से काफी मिलती-जुलती है, जिसमें सेंटर-अलाइन्ड टेक्स्ट यूजर्स को बताता है कि कंप्यूटर एरर की वजह से रीस्टार्ट हो रहा है और क्रैश लॉग कलेक्शन प्रोसेस की प्रोग्रेस का परसेंटेज दिखाता है।

यूजर्स को स्टॉप कोड के साथ एक एरर भी दिखेगा, जिसे सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर्स के साथ शेयर किया जा सकता है, जबकि ब्लैक स्क्रीन फेल हुए प्रोसेस के बारे में भी बताएगी (उदाहरण के लिए, ये यूजर्स को बताएगी कि कोई खास ड्राइवर फाइल फेल हुई, जैसे rdbss.sys)।

गौर करने वाली बात ये है कि ये पहली बार नहीं है जब Microsoft ने BSOD वार्निंग को ब्लू से बदलने की घोषणा की है। 2021 में, कंपनी ने वार्निंग मैसेज का ब्लैक वर्जन टेस्ट किया था, लेकिन उस वर्जन में भी कोलन और ब्रैकेट के साथ टेक्स्ट इमोटिकॉन (फ्राउन) शामिल था।

Windows 11 पर BSOD को खत्म करने का कदम इसके शुरू होने के दशकों बाद आया है। एक साल पहले, सिक्योरिटी फर्म CrowdStrike की तकनीकी खराबी ने लाखों Windows कंप्यूटर्स को अनबूटेबल स्टेट में इंपैक्ट किया था। इसने Microsoft को Windows सिक्योरिटी में सुधार और PC के लिए बेहतर रिकवरी प्रोसेस पर काम करने के लिए प्रेरित किया, जो इस साल बाद में यूजर्स तक पहुंचेगा।


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अमिताभ की आवाज वाली कॉलर ट्यून बंद

कोई भी अनजान व्यक्ति अगर आपके बैंक खाते, OTP, KYC या अन्य निजी जानकारी मांगता है, तो उसे बिल्कुल न दें। हर फोन के पहले 40 सेकेंड तक सुनाई देने वाले अमिताभ बच्चन की आवाज के वॉयस मैसेज सरकार ने बंद कर दिया है।

सितंबर 2024 में साइबर फ्रॉड के प्रति जागरूक करने के लिए इसे शुरू किया गया था। लेकिन इमरजेंसी कॉलिंग के दौरान लोग इससे परेशान हो गए थे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इसी हफ्ते इंदौर में कहा था- मैं भी इससे परेशान हो गया हूं।

कॉलर ट्यून सितंबर 2024 में शुरू हुई थी

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सितंबर 2024 में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस जागरूकता अभियान की शुरुआत की थी।

इसमें अमिताभ बच्चन की आवाज में एक 40 सेकेंड लंबा मैसेज था। इसमें लोगों को फर्जी कॉल्स, अनजान लिंक्स और OTP शेयर करने के खतरों से आगाह किया जा रहा था।

शुरुआत में इस पहल की खूब तारीफ हुई, क्योंकि देश में हर दिन हजारों लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। लेकिन, धीरे-धीरे ये कॉलर ट्यून लोगों के लिए सिरदर्द बन गई।

40 सेकेंड लंबे मैसेज की शिकायत कर रहे थे लोग

लोगों की शिकायत थी कि ये 40 सेकेंड लंबा मैसेज हर कॉल से पहले बजना, खासकर इमरजेंसी में काफी परेशान करता था। कुछ ने तो RTI तक दाखिल कर इसकी जरूरत पर सवाल उठाए थे।

सरकार ने पहले इस कॉलर ट्यून की फ्रीक्वेंसी को दिन में 8-10 बार से घटाकर सिर्फ दो बार किया और इमरजेंसी कॉल्स (पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड) के दौरान इसे बंद कर दिया गया। लेकिन अब इसे पूरी तरह हटा दिया गया है।

कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर लोग इस कॉलर ट्यून को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे थे। कई यूजर्स ने इसे 'झुंझलाहट भरा' बताया, खासकर इमरजेंसी कॉल्स के दौरान इसे देरी का कारण माना।

सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे थे अमिताभ बच्चन

हाल ही में अमिताभ बच्चन को इस कॉलर ट्यून की वजह से ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ा था। सोमवार देर रात (23 जून) अमिताभ बच्चन ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट से लिखा, 'जी हां, हिजूर मैं भी प्रशंसक हूं।' कुछ देर बाद उन्होंने सुधार कर फिर लिखा, 'हुजूर, न कि हिजूर। लिखने की गलती, माफ करिए।'

इस पर एक ट्रोलर ने बिग बी की साइबर क्राइम वाली कॉलर ट्यून पर कहा- 'तो कॉल पर बोलना बंद करो भाई।' इसके जवाब में बिग बी ने लिखा- 'सरकार को बोलो भाई, उन्होंने हमसे कहा सो किया।

कोविड महामारी के दौरान भी हुआ था विवाद

ये पहली बार नहीं है जब अमिताभ बच्चन की आवाज वाली कॉलर ट्यून पर बवाल हुआ हो। कोविड-19 के दौरान भी उनकी आवाज में एक जागरूकता मैसेज चलाया गया था। इसमें मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड सैनिटाइजेशन की सलाह दी जाती थी।

इस पर विवाद तब हुआ जब अमिताभ बच्चन और उनके परिवार के कुछ लोग कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उस वक्त एक यूजर ने कॉलर ट्यून से परेशान होकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक PIL भी दाखिल की थी, जिसमें उनकी आवाज हटाने की मांग की गई थी।

क्यों इस्तेमाल होती हैं कॉलर ट्यून?

भारत में कॉलर ट्यून को जागरूकता का एक प्रभावी माध्यम माना जाता है, क्योंकि देश में टेलीफोन यूजर्स की संख्या बहुत ज्यादा है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां इंटरनेट और टीवी का पहुंच सीमित हो सकता है, कॉलर ट्यून के जरिए मैसेज आसानी से लोगों तक पहुंच जाता है। हालांकि, लंबे समय तक एक ही मैसेज सुनने से लोग परेशान भी हो जाते हैं, जैसा कि कोविड और साइबर क्राइम कॉलर ट्यून के मामले में देखा गया।


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अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला, Axiom-4 मिशन की सफल लॉन्चिंग

 AXIOM-4 Mission की सफल लॉन्चिंग हो चुकी है। फाल्कन रॉकेट ने सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की ओर उड़ान भर ली है। भारत की ओर से शुभांशु शुक्ला मिशन क्रू के हिस्सा हैं। इस मिशन में कई देशों की साझेदारी है। 

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे पहले साल 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से कहा था, 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा'

पहला एबॉर्ट मोड सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, चालक दल अब एबॉर्ट मोड 2 अल्फा में दाखिल हो चुका है। ये उड़ान के इस चरण के लिए एक मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल है। सभी सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। मिशन कक्षा की ओर अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है। 

शुभांशु शुक्ला के माता-पिता हुए भावुक। अगले 28 घंटे के बाद अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचेगा Axiom-4 का ड्रैगन कैप्सूल।

शुंभाशु शुक्ला अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय बने हैं।

फाल्कन ने सफल उड़ान भरी है। मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ।

Mission Axiom-4 एक्सिओम स्पेस की ओर से 2025 का तीसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान प्रक्षेपण है।

स्पेस एक्स का रॉकेट 'ड्रैगन' का हैच बंद हो गया है। सभी संचार और सूट की जांच पूरी हो गई है। Axiom-4 क्रू लॉन्च के लिए तैयार है।

IAF ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की बहन निधि मिश्रा ने कहा, "यह न केवल मेरे लिए बल्कि भारत में सभी के लिए गर्व का क्षण है। मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती; मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि 'शुभांशु, आपका मिशन सफल हो और आप सुरक्षित हमारे पास वापस आएं।"

र अंतरिक्ष यात्री हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे। मिशन की कमान पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पैगी व्हिटसन संभालेंगी। इसके अलावा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उजनांस्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड) और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपु मिशन विशेषज्ञ के तौर पर शामिल होंगे। ये चारों अंतरिक्ष यात्री मिलकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।

एक्सिओम मिशन 4 क्या है?

Axiom-4 मिशन एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए है। इस मिशन का मकसद 31 देशों की ओर से लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियों को डायरेक्ट करना है। ये देश हैं भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात, और यूरोप। एक्सिओम के अनुसार, यह मिशन इन देशों का इतिहास में दूसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन होगा, लेकिन यह पहली बार होगा जब ये तीनों देश ISS पर एक साथ मिशन को पूरा करेंगे।


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थोड़ी देर में अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगे शुभांशु शुक्ला

 AXIOM-4 Mission कुछ ही पल में रवाना हो जाएगा। इस मिशन से जुड़ी कंपनी स्पेसएक्स ने कहा है कि मौसम 90 फीसदी अनुकूल है। इस मिशन में कई देशों की साझेदारी है। भारत की ओर से शुभांशु शुक्ला मिशन क्रू के हिस्सा हैं।

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे पहले साल 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से कहा था, 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा'

Mission Axiom-4 एक्सिओम स्पेस की ओर से 2025 का तीसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान प्रक्षेपण है।

स्पेस एक्स का रॉकेट 'ड्रैगन' का हैच बंद हो गया है। सभी संचार और सूट की जांच पूरी हो गई है। Axiom-4 क्रू लॉन्च के लिए तैयार है।

IAF ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की बहन निधि मिश्रा ने कहा, "यह न केवल मेरे लिए बल्कि भारत में सभी के लिए गर्व का क्षण है। मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती; मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि 'शुभांशु, आपका मिशन सफल हो और आप सुरक्षित हमारे पास वापस आएं।"

कौन हैं इस मिशन के यात्री?

इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे। मिशन की कमान पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पैगी व्हिटसन संभालेंगी। इसके अलावा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उजनांस्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड) और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपु मिशन विशेषज्ञ के तौर पर शामिल होंगे। ये चारों अंतरिक्ष यात्री मिलकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।

एक्सिओम मिशन 4 क्या है?

Axiom-4 मिशन एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए है। इस मिशन का मकसद 31 देशों की ओर से लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियों को डायरेक्ट करना है। ये देश हैं भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात, और यूरोप। एक्सिओम के अनुसार, यह मिशन इन देशों का इतिहास में दूसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन होगा, लेकिन यह पहली बार होगा जब ये तीनों देश ISS पर एक साथ मिशन को पूरा करेंगे।


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अब तक का सबसे बड़ा डेटा ब्रीच,1600 करोड़ पासवर्ड ऑनलाइन हुए लीक,Google ने यूजर्स की ये सलाह

Apple, Google, Facebook और Telegram के लाखों यूजर्स का ऑनलाइन लीक हो गया है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह अब तक के सबसे बड़े डेटा ब्रीच में से एक है, जिसमें करीब 1600 करोड़ पासवर्ड ऑनलाइन लीक हो गए हैं। इन पासवर्ड की मदद से साइबर अपराधी यूजर्स की निजी जानकारी, फोटो, वीडियो और दूसरी जानकारी चुरा सकते हैं। इस डेटा की मदद से से साइबर अपराध के जोखिम बढ़ सकते हैं।

फोर्ब्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ऑनलाइन लीक हुए क्रेडेंशियल सरकारी प्लेटफॉर्म के साथ-साथ Apple, Facebook, Google, GitHub और Telegram जैसी दिग्गज कंपनियों के यूजर्स के हैं। रिसर्चर्स ने 184 मिलियन रिकॉर्ड वाले सीक्रेट डेटाबेस का पता लगाया, जिसे अनसिक्योर वेब सर्वर पर अपलोड किया गया था। इससे साइबर फ्रॉड की घटनाएं बढ़ सकती हैं। अपराधियों द्वारा उल्लंघन का जोखिम काफी बढ़ गया।

रिसर्चर्स ने इस डेटाबेस से 30 डेटासेट की जांच की है। उन्हें करीब 350 करोड़ रिकॉर्ड मिले, जिसमें कॉर्पोरेट और डेवलपर प्लेटफॉर्म, VPN लॉगिन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के यूजर्स के क्रेडेंशियल शामिल हैं। बताया जा रहा है कि यह डेटा 2025 की शुरुआत से लेकर आज तक का है। रिसर्चर्स का दावा है कि ऑनलाइन लीक हुआ यह डेटा साधारण नहीं है।

क्या यह अब तक का सबसे बड़ा डेटा ब्रीच है?

रिसर्चर्स का दावा है कि स्कैमर्स इन क्रेडेंशियल का यूज कर यूजर्स को फिशिंग में फंसा सकते हैं। इसके साथ ही वे बिजनेस इमेल अटैक कर सकते हैं। इन क्रेडेंशियल को देखते हुए पता चलता है कि यह काफी खतरनाक हो सकता है।

Google ने यूजर्स को दी सलाह

इस डेटा ब्रीच की जानकारी सामने आने के बाद दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Google ने यूजर्स को 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) एक्टिव करने की सलाह दी है। इसके साथ ही उसने अपने यूजर्स को पासवर्ड अपडेट करने को कहा है। गूगल का यूजर्स को यह भी कहना है कि उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की बेहतर सुरक्षा के लिए Passkey फीचर का यूज करना चाहिए। पासकी से लॉगइन के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की जरूरत होती है, जिससे यह डबल सेफ्टी प्रोवाइड करता है।

इस डेटा ब्रीच की जानकारी सामने आने के बाद दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Google ने यूजर्स को 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) एक्टिव करने की सलाह दी है। इसके साथ ही उसने अपने यूजर्स को पासवर्ड अपडेट करने को कहा है। गूगल का यूजर्स को यह भी कहना है कि उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की बेहतर सुरक्षा के लिए Passkey फीचर का यूज करना चाहिए। पासकी से लॉगइन के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की जरूरत होती है, जिससे यह डबल सेफ्टी प्रोवाइड करता है।

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